उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां आज भी लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती-किसानी पर आश्रित हैं और इसमें से भी करीब 90 प्रतिशत किसान सीमांत एवं लघु श्रेणी के हैं। खास बात यह भी कि ये वही किसान हैं जिनकी थाली का मुख्य हिस्सा कभी मोटा अनाज हुआ करता था 1960 से पहले तक। चूंकि इस वर्ग के अधिकांश किसान कमजोर तबके से थे, लिहाजा परंपरागत खेती में लगने वाले इनपुट इनकी पहुंच के बाहर थे। ऐसे में योगी सरकार ने मोटे अनाजों की खेती के लिए ऐसे करीब 1.5 लाख किसानों को प्रशिक्षित करने का फैसला किया। योजना के तहत सरकार मोटे अनाज यानी मिलेट्स के प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन के 55 केंद्र भी खोलेगी और खेती के उन्नत व आधुनिक तौर तरीकों के प्रशिक्षण के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कहने का मतलब यह कि यूपी में कृषि विकास के लिए योगी सरकार न सिर्फ नगदी, रबी और खरीफ फसलों के विकास के लिए आधुनिक खेती के तरीके को किसानों तक पहुंचा रही है बल्कि यूपी में किसान कल्याण योजनाओं के जरिये परंपरागत खेती को भी ऊंचाई पर पहुंचाने के सारे साजो-सामान उपलब्ध कराने में जुट गई है। यूपी में योगी सरकार के कुशल नेतृत्व मे...
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